याद आता है जब मुझको मेरा बचपन 🌹
क्या खूब रहा वह मस्त मेरा बचपन🌹
खेल खेल में डूबा रहता 🌹
मस्त हवाओं में झूमा रहता🌹
कहाँ गया वह मस्त मेरा बचपन 🌹
कैसे भूलू वह मस्त मेरा बचपन 🌹
बालू में वह खेलना🌹
झूले में वह झुलना🌹
खूब रहा वह मस्त मेरा बचपन🌹
कहाँ गया वह मस्त मेरा बचपन🌹
खेल खेल में लड़ना होता🌹
बात बात में रोना होता🌹
याद आता मुझको मस्त मेरा बचपन🌹
क्यों वह चला गया मस्त मेरा बचपन🌹
कैसे क्यों और कब हो गया🌹
कैसे क्यों कब मैं बड़ा हो गया🌹
कहाँ गया वह मस्त मेरा बचपन🌹
कैसे भूल गया वह मस्त मेरा बचपन🌹
ना जाने मेरा बचपन कहां खो गया🌹
ना जाने मैं अब क्यों बड़ा हो गया🌹
कहां गया वह पकड़म पकड़ाई🌹
कहाँ गया वह काना राजा Tu🌹
अब तो रितु भी नहीं खेलती और राज भी नहीं खेलता🌹
The Start....🌹.............🤗...,.....🎧....,,....🌹..The End
Next.......
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