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<head> आजादी /
<title> आजादी</title>
हम सबको अपनी आजादी का हक है और क्यों नहीं 1947 में हमारा देश आजाद जो हो गया है पर यहां पर मैं केवल स्वयं की आजादी के बारे में बात कर रहा हूं आपको क्या लगता है कि आप आजाद हैं आप जो भी चाहते हैं कि उसे आजादी के तौर पर कर पाते हैं क्या आपका ज्ञान और अटूट विश्वास ही आपकी आजादी का मार्ग है यदि आपको लगता है कि आप समाज समाज की बेड़ियों में कैद है तो लोग क्या कहते हैं लोग क्या सोचेंगे तब तक सच में आपका क्या होगा? सोच आज का दिन है। छल रहा है। यह आजादी जो आपको छीन रही है आप की अंदर की आजादी है आपकी अपनी स्वयं की आजादी है पर क्या हम अपने आप के साथ ऐसा होने देंगे बिल्कुल नहीं आजादी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है बाल गंगाधर तिलक ने कहा है ना क्यों दोस्तो - चलो हम अपने आज ! दिन कैसा रहेगा! ? हमें अपना माइंड सेट बदलना होगा! माइंडसेट को बदलने के लिए क्या करना चाहिए?ज्ञान, अटूट विश्वास और उत्साह, हम दुनिया के कई सारे बंधनों में कैद हैं। अंतर शक्ति को धारणाणी ही नहीं है आप अपनी पहचान कर सकते हैं अहिंसाओं के साथ अपने अपने अहसास आपको उस दिशा में ले जाएंगे जहां आप जाना चाहते हैं जहां पर आप की मंजिल है हमेशा खुश रहे और नई चीजों को सीखने के लिए उत्साहित रहें। उत्साह से किसी भी काम को करने पर हंड्रेड परसेंट रिजल्ट मिलने की संभावना बढ़ गई है, उत्साह शरीर में एनर्जी लेवल को कई हद तक बढ़ा देता है इसलिए मुंह लटकाए ना बैठो कि मैं जहां फंस गया हूं इसलिए खुद को उत्साह से भर लो और खुद को। को। को। के आजाद कर लो दुनिया के पूरे बंधन से ’! हम अपनी खुशियों के मालिक खुद है और अपनी लाइफ का भी, (हमारी पत्नी का भाई जोबस जोक था) यार भागवत गीता मैं भी बंधन मुक्ति का एक अच्छा उल्लेख मिलता है।
आगे फिर बताऊंगा तब तक के लिए बाय बाय अपना रख रखिए खुश रहिए मुस्कुराते रहिए गुनगुनाते रहिए
आगे ...... 🌹🌹🌹🌹🌹</head>
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