बुधवार, 30 दिसंबर 2020
रविवार, 20 दिसंबर 2020
पराया
पराया यह शब्द आप लोगों ने कई बार घर परिवार मोहल्ले आदि में सुना होगा और खासकर घर में तो कई बार सुनने को मिलता है अगर आपके घर में बेटियां हैं तो ना जाने क्यों लोग बेटियों को पराया कहते हैं ना जाने क्यों लोग बेटियों को ही विदा करते हैं फिर जान के अनजाने लोग भी बेटियों को ही मां कहते हैं क्या इस संसार का यही रीत है अगर हां तो प्रीत क्या है और यह बाबुल कौन है जो घोड़े में आया और घोड़ी में चला गया धुम मचा के ऐसा भी कोई करता है क्या जो अपनों की सपनों को भी पराया कर गया पराया तो लोग हैं जो पराया कहते हैं पराए लोग हो सकते हैं पर घर नहीं घर तो अपना ही होता है हमेशा से हमेशा की तरह जहां भी रहो वही घर बन जाता है परिवार बन जाता है खुश होने के लिए हमें खुश नसीब की जरूरत नहीं है क्योंकि खुशनसीब तो हम खुद हैं जो इस धरती पर जन्मे है इस मां को कभी पराया मत कहना यह अपनी मां है हम सब की मां इसकी रक्षा करो अगर इसे पराया कहा तो सारी दुनिया से पराए हो जाओगे पता नहीं अगले बार किस प्लानेट पर जन्मेगे वहां हरियाली होगी भी कि नहीं खुशहाली होगी की भी नहीं वक्त की घड़ी आज है कि आज को जी लेते हैं वरना वक्त कहां आएगा सपनों का लिहाज पूरा कर लेते हैं वरना वक्त कहां आएगा वक्त ने सबको को पराया किया है अगर मैं आज हूं तो कल नहीं रहूंगा क्योंकि पराया वक्त तो सबका आता है जो सबको अपनों से पराया कर जाएगा
Next line ... अगले दिन
शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020
सपने का रहस्य
Next line. तब लिखूंगा जब आपको समझ में आ रहा हो वरना लिखने का कोई मतलब नहीं रहेगा ना
मुझे कमेंट करके बताओ कि क्या आपको समझ में आ रहा है जो मैं बताना चाह रहा Hun🤗🤗
वैसे तो सपनों के बहुत से राज होते हैं उसी प्रकार हम सबके भी अपने बहुत से राज हैं फिलहाल अभी हम यहां सपनों के बारे में जानने वाले हैं
शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020
Love
जो जागते हैं तन्हा रातों में वही जानते हैं 🌹 किसी को खोने का दर्द क्या होता है🌹
चाहता है यह दिल कुछ तो बताना🌹 जो जागते हैं तन्हा रातों में🌹
खोए से हम जागे से तुम कुछ तो बताना🌹 यार जो जागते हैं तन्हा रातों में🌹
चाहता है यह दिल कुछ तो बताना 🌹 जो रोते नहीं रुलाते हैं तन्हा यादों मे🌹
जो जागते नहीं जगाते हैं तन्हा रातों में🌹 यार कुछ तो बताना जो जागते हैं तन्हा रातों में🌹
भूले से हम भुलाए से तुम कुछ तो बताना 🌹 जो जागे और जगाए से हैं तन्हा रातों में🌹
चाहता है यह दिल कुछ तो बताना 🌹 जो जागते हैं तन्हा रातों में🌹
दिल की बात दिल में है यार कुछ तो बताना 🌹 जो जागते हैं तन्हा रातों में🌹
खोए से हम है कहीं यादों में तुम्हारी 🌹 कोमल सी पलकें है कहीं नम हमारी🌹
🌹 यार कुछ तो बताना ...,................😍😘 यार कुछ तो बताना🌹
सोमवार, 7 दिसंबर 2020
आजादी
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<title> आजादी</title>
हम सबको अपनी आजादी का हक है और क्यों नहीं 1947 में हमारा देश आजाद जो हो गया है पर यहां पर मैं केवल स्वयं की आजादी के बारे में बात कर रहा हूं आपको क्या लगता है कि आप आजाद हैं आप जो भी चाहते हैं कि उसे आजादी के तौर पर कर पाते हैं क्या आपका ज्ञान और अटूट विश्वास ही आपकी आजादी का मार्ग है यदि आपको लगता है कि आप समाज समाज की बेड़ियों में कैद है तो लोग क्या कहते हैं लोग क्या सोचेंगे तब तक सच में आपका क्या होगा? सोच आज का दिन है। छल रहा है। यह आजादी जो आपको छीन रही है आप की अंदर की आजादी है आपकी अपनी स्वयं की आजादी है पर क्या हम अपने आप के साथ ऐसा होने देंगे बिल्कुल नहीं आजादी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है बाल गंगाधर तिलक ने कहा है ना क्यों दोस्तो - चलो हम अपने आज ! दिन कैसा रहेगा! ? हमें अपना माइंड सेट बदलना होगा! माइंडसेट को बदलने के लिए क्या करना चाहिए?ज्ञान, अटूट विश्वास और उत्साह, हम दुनिया के कई सारे बंधनों में कैद हैं। अंतर शक्ति को धारणाणी ही नहीं है आप अपनी पहचान कर सकते हैं अहिंसाओं के साथ अपने अपने अहसास आपको उस दिशा में ले जाएंगे जहां आप जाना चाहते हैं जहां पर आप की मंजिल है हमेशा खुश रहे और नई चीजों को सीखने के लिए उत्साहित रहें। उत्साह से किसी भी काम को करने पर हंड्रेड परसेंट रिजल्ट मिलने की संभावना बढ़ गई है, उत्साह शरीर में एनर्जी लेवल को कई हद तक बढ़ा देता है इसलिए मुंह लटकाए ना बैठो कि मैं जहां फंस गया हूं इसलिए खुद को उत्साह से भर लो और खुद को। को। को। के आजाद कर लो दुनिया के पूरे बंधन से ’! हम अपनी खुशियों के मालिक खुद है और अपनी लाइफ का भी, (हमारी पत्नी का भाई जोबस जोक था) यार भागवत गीता मैं भी बंधन मुक्ति का एक अच्छा उल्लेख मिलता है।
आगे फिर बताऊंगा तब तक के लिए बाय बाय अपना रख रखिए खुश रहिए मुस्कुराते रहिए गुनगुनाते रहिए
आगे ...... 🌹🌹🌹🌹🌹</head>
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वक्त है आज की आज को जी ले वरना वक्त चला जाएगा यह वक्त ही तो है जो अपनों के सपनों को भी उड़ा ले जाएगा अभी भी वक्त है...